प्रश्न 4. प्रस्त कहानी तु मेें प्रेमचन्द ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओ के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मुर्ख’ का प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर सं के त किया है?
उत्तर–प्रेमचन्द ने गधे के प्रति पारंपरिक ‘मूर्ख’ अर्थ को न अपनाकर उसकी सहनशीलता, मेहनत, निष्ठा और सेवा भाव जैसी विशेषताओं को उजागर किया है। उन्होंने संकेत दिया कि गधा केवल बोझ ढोने वाला नहीं, बल्कि धैर्यवान, मेहनती और वफादार जीव है, जो बिना शिकायत अपने कर्तव्य निभाता है। इस दृष्टि से उसका मूल्य नया और सम्मानजनक है।
प्रश्न 5. किन घटनाओ से पता चलता है कि हीरा और मोती मेें गहरी दोस्ती थी?
उत्तर–हीरा और मोती की गहरी दोस्ती कई घटनाओं से स्पष्ट होती है—वे साथ रहते, काम करते और एक-दूसरे का दुख-सुख साझा करते हैं। कांजीहौस में बंद होने पर भी वे एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ते। जब हीरा पर संकट आता है, तो मोती उसका साथ देता है। उनका आपसी विश्वास और सहयोग सच्ची मित्रता दर्शाता है।
उत्तर–हीरा के कथन से स्पष्ट होता है कि प्रेमचन्द स्त्रियों के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना रखते थे। उन्होंने दर्शाया कि स्त्री को नुकसान पहुँचाना या उस पर हिंसा करना गलत है। यह सोच समाज में स्त्री के प्रति संवेदनशीलता, मर्यादा और आदर का संदेश देती है, जो समानता और मानवीय मूल्यों को प्रोत्साहित करती है।
प्रश्न 7. किसान जीवन वाले समाज मेें पशु और मनुष्य के आपसी सम्बन्धो को कहानी मेें किस तरह व्यक्त किया गया है?
उत्तर– कहानी में किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के गहरे संबंध को सजीव रूप में दिखाया गया है। किसान अपने पशुओं को सिर्फ मेहनत का साधन नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा मानते हैं। वे उनके साथ प्रेम, दया और विश्वास का व्यवहार करते हैं। पशु भी निष्ठा और मेहनत से किसानों का साथ देते हैं। सुख-दुख, काम और संघर्ष में दोनों का आपसी सहारा भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है।
प्रश्न 8. ‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियो की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देेंगे–मोती के इस के आलोक मेें उसकी विशेषताएँ बताइए।
मोती की विशेषताएँ –
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दयालु और सहृदय – मोती ने कई जानवरों की जान बचाकर अपनी करुणा और संवेदनशीलता दिखाई।
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साहसी और निडर – खतरे के समय भी उसने बिना डरे सही कदम उठाया।
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निस्वार्थ सेवा भाव – उसने बिना किसी लाभ की अपेक्षा के दूसरों की मदद की।
उत्तर–(क) यह कथन दर्शाता है कि बैलों में त्याग, निष्ठा और सच्ची मित्रता जैसी गुप्त शक्तियाँ हैं, जो अक्सर मनुष्य में नहीं पाई जातीं और जो उन्हें विशेष बनाती हैं।
(ख) इसका आशय है कि रोटी से उनका पेट भले न भरा हो, लेकिन आपसी प्रेम और अपनापन पाकर उनके दिल तृप्त और संतुष्ट हो गए।